विगत योजना की तुलना में चल स्टॉक का उत्पादन दोहरा करना है।
3.
कम होती टर्न अराउंड अवधि के कारण चल स्टॉक की मांग में कमी।
4.
पूर्ण चल स्टॉक, दुर्घटना राहत क्रेनों और स्टॉक के स्पेयर के लिए आर/सी का आयात
5.
मूविंग इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं सहित रेलवे को पट्टे पर दिए गए चल स्टॉक के लिए गतिविधि-आधारित प्राइसिंग।
6.
जी) इंफ्रास्ट्रक्चर, नेटवर्क के प्रबंधन, चल स्टॉक की तैनाती, रेल परिचालनों और उपकरणों तथा चल स्टॉक के अच्छे उत्पादन कार्यों से भारतीय रेल की व्यवहार्यता का आकलन।
7.
जी) इंफ्रास्ट्रक्चर, नेटवर्क के प्रबंधन, चल स्टॉक की तैनाती, रेल परिचालनों और उपकरणों तथा चल स्टॉक के अच्छे उत्पादन कार्यों से भारतीय रेल की व्यवहार्यता का आकलन।
8.
1969 में यातायत की पद्धति में बदलाव आया और विचार किया गया कि यार्ड में परीक्षण के बजाय कारखानों / सिक लाइनों में चल स्टॉक परीक्षम पर अधिक बल दिया जाए।
9.
ए) इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पूर्णतया अकाउंटिंग सेपरेशन, रेल संचलन और चल स्टॉक के साथ-साथ कलपुर्जों के निर्माण और विभिन्न तरह के बिजनेस में लगी उत्पादन इकाईयों के लिए रेल मंत्रालय के उद्देश्यों की पूर्ति में विकल्पों की प्रभाविता को सुनिश्चित करना।
10.
न्यूट्रल कंट्रोल परीक्षणों की उपयोगिता विभिन्न तरीकों से आवश्यक और अपरिहार्य बनकर उभरी है, क्योंकि कारखानों और आरओएच डिपो में अंतिम चरण में यातायात के उपयोग हेतु रिपेयर किए गए स्टॉक में न्यूट्रल कंट्रोल स्टाफ द्वारा चल स्टॉक में गंभीर असुरक्षित खराबियां पकड़ी गई हैं।